Chapter-2 Introduction to Operating System
Basics of Operating system
(ऑपरेटिंग सिस्टम की मूल बातें)
2.0 Introduction
ऑपरेटिंग सिस्टम किसी भी कंप्यूटर का एक अहम् भाग होता है जो की कंप्यूटर में सॉफ्टवेयर के रूप में स्टोर रहता है। ऑपरेटिंग सिस्टम कंप्यूटर के सभी भागो जैसे मेमोरी, इनपुट, आउटपुट तथा कंप्यूटर से जुड़े सभी हार्डवेयर कंपोनेंट्स को नियंत्रित करता है। ऑपरेटिंग सिस्टम एक सिस्टम सॉफ्टवेयर होता है।
2.1 Objectives
इस अध्याय में आप निम्नलिखित के बारे में जानेगे:-
- ऑपरेटिंग सिस्टम क्या है
- यूजर इंटरफ़ेस
- विभिन्न प्रकार के ऑपरेटिंग सिस्टम
- ऑपरेटिंग सिस्टम से सम्बंधित सेटिंग्स
- फाइल मैनेजमेंट
- डेस्कटॉप और लैपटॉप के लिए यूजर इंटरफेस
- एप्लीकेशन को रन करना
- मोबाइल फोन और टैबलेट के लिए ऑपरेटिंग सिस्टम
- फ़ाइल एक्सटेंशन के प्रकार
2.2 Operating System
2.2.1 Basics of Operating system
Operating System एक system software है जो यूजर और हार्डवेयर के बीच संवाद स्थापित करने का काम करता है और एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर को एक प्लेटफार्म प्रोवाइड करता है साथ में हार्डवेयर को भी कंट्रोल करने का काम करता है।
Figure Operating System architecture
उदाहरण
Windows 10, Windows 8, Windows 7, Windows Vista, and Windows XP, Windows 2000, Windows NT, Windows ME, Windows 98 SE, Windows 98 Windows 95, MS DOS, Apple’s MacOS (formerly OS X), iOS, Chrome OS, Linux, Unix etc.
ऑपरेटिंग सिस्टम का इतिहास
- 1940 के दशक में, इलेक्ट्रॉनिक डिजिटल सिस्टम में ऑपरेटिंग सिस्टम का प्रयोग नहीं होता था।
- पहले के समय के इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम को यांत्रिक स्विच की पंक्तियों द्वारा या प्लग बोर्ड पर जम्पर तारों द्वारा प्रोग्राम किया जाता था।
- ऑपरेटिंग सिस्टम 1950 के दशक में विकसित किया गया था, इसका उद्देस्य कंप्यूटर की छमता को बढ़ाना तथा विभिन्न प्रकार के प्रोग्रामो को चलने के लिए किया गया था।
- 1950 में, जनरल मोटर अनुसंधान प्रयोगशालाओं ने आईबीएम 701 कंप्यूटर के लिए “सिंगल स्ट्रीम बैच प्रोसेसिंग सिस्टम” नामक ऑपरेटिंग सिस्टम का विकाश किया गया था।
- उस समय ऑपरेटिंग सिस्टम आधुनिक और अधिक जटिल रूपों में मौजूद नहीं थे, 1960 के दशक की शुरुआत तक, ऑपरेटिंग सिस्टम डिजाइनरों ने मल्टीप्रोग्रम्मिंग की अवधारणा विकसित की थी जिसमें कई प्रोग्राम एक ही बार में मुख्य मेमोरी में रन कर सकते थे।
- माइक्रोप्रोसेसर प्रौद्योगिकी इस बिंदु पर विकसित हुई कि 1970 के दशक, टाइम-शेयरिंग और रियल-टाइम सिस्टम के मेनफ्रेम के रूप में डेस्कटॉप कंप्यूटर का निर्माण संभव हो गया।
- जब 1980 के दशक में निजी कंप्यूटर लोकप्रिय हो गए, तो ऑपरेटिंग सिस्टम MSDOS (Microsoft डिस्क ऑपरेटिंग सिस्टम) का विकास किया गया था।
- 1980 से 1990 के माइक्रोसॉफ्ट में विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम की शुरुआत हुई।
- वर्ष 1991 में LINUX ऑपरेटिंग सिस्टम जारी किया गया था।
- माइक्रोसॉफ्ट विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम एक लोकप्रिय रूप से इस्तेमाल किया जाने वाला OS है, जो पहले के दिनों से अन्य ऑपरेटिंग सिस्टम पर हावी है।
Main Functions of Operating System (ऑपरेटिंग सिस्टम के मुख्य कार्य)
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Processing Management (प्रोसेसिंग प्रबंधन)
ऑपरेटिंग सिस्टम कंप्यूटर में चल रहे सभी प्रोग्रामो या प्रोसेसों की स्थिति पर नजर रखता है और उनकी आवश्यकता के अनुसार साधन उपलब्ध कराने का कार्य करता है। ऑपरेटिंग सिस्टम अपनी नीति के अनुसार यह भी तय करता है कि कौन सा साधन किस प्रोसेस को कितने समय के लिए उपलब्ध कराया जाए और कब साधन उस प्रोसेस से वापस ले लिया जाए ताकि सभी प्रोसेस अपनी वरीयता के अनुसार उचित प्रकार से संचालित होते रहे। ऑपरेटिंग सिस्टम के इस कार्य को प्रोसेस प्रबंधन कहा जाता है।
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Memory Management (मेमोरी प्रबंधन)
ऑपरेटिंग सिस्टम प्राइमरी मेमोरी या मेन मेमोरी को मैनेज करता है। मुख्य मेमोरी के प्रत्येक लोकेशन का रिकॉर्ड रखता है की कौन सी लोकेशन खली है या किसी को आवंटित है। मुख्य मेमोरी एक फास्ट स्टोरेज है और इसे सीधे सीपीयू द्वारा एक्सेस किया जा सकता है। किसी प्रोग्राम को निष्पादित करने के लिए, इसे पहले मुख्य मेमोरी में लोड किया जाता है। एक ऑपरेटिंग सिस्टम मेमोरी प्रबंधन के लिए निम्नलिखित गतिविधियाँ करता है:
यह प्राथमिक मेमोरी का ट्रैक रखता है, यानी मेमोरी के बाइट्स का उपयोग किस प्रोग्राम द्वारा किया जाता है। मेमोरी पते जो पहले से ही आवंटित किए गए हैं और जो मेमोरी पते अभी तक उपयोग नहीं किए गए हैं। मल्टी प्रोग्रामिंग में, OS यह तय करता है कि किस प्रोसेस को मेमोरी तक पहुंच दी जाए, और कितने समय तक। यह मेमोरी को प्रोसेस में आवंटित करता है जब प्रोसेस अनुरोध करता है और जब प्रोसेस समाप्त हो जाता है या I / O ऑपरेशन दौरान मेमोरी को हटा देती है।
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Input-Output Device Management (इनपुट आउटपुट डिवाइस प्रबंधन)
एक OS अपने संबंधित ड्राइवरों के माध्यम से डिवाइस संचार का प्रबंधन करता है। यह उपकरण प्रबंधन के लिए निम्नलिखित गतिविधियाँ करता है। सिस्टम से जुड़े सभी उपकरणों का रिकॉर्ड रखता है। इनपुट / आउटपुट कंट्रोलर के रूप में ज्ञात प्रत्येक डिवाइस के लिए जिम्मेदार एक प्रोग्राम को नामित करता है। तय करता है कि किस प्रक्रिया को इनपुट / आउटपुट डिवाइस कब और कितने समय के लिए प्रयोग में देना है। एक प्रभावी और कुशल तरीके से उपकरणों को आवंटित करता है। जब उनकी आवश्यक नहीं हैं तो डिवाइसेस को हटा देता है।
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File Management (फाइल प्रबंधन)
एक फाइल सिस्टम को कुशल या आसान नेविगेशन और उपयोग के लिए डिरेक्टरीज़ में व्यवस्थित किया जाता है। इन डिरेक्टरीज़ में अन्य डिरेक्टरी और अन्य फ़ाइलें हो सकती हैं। एक ऑपरेटिंग सिस्टम निम्नलिखित फ़ाइल प्रबंधन गतिविधियों को करता है। यह इस बात पर नज़र रखता है कि जानकारी कहाँ संग्रहीत है। इन सुविधाओं को सामूहिक रूप से फ़ाइल सिस्टम के रूप में जाना जाता है।
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Protection and Security (संरक्षण और सुरक्षा)
ऑपरेटिंग सिस्टम उपयोगकर्ता के डेटा और अन्य जानकारी की सुरक्षा के लिए पासवर्ड सुरक्षा प्रदान करता है। यह प्रोग्राम और उपयोगकर्ता डेटा तक अनधिकृत पहुंच को भी रोकता है।
O level is a best contact for preparation.
Ccc ke peper
Ccc ke prepration karna hi sir